गुरु वक्री 2025 से कन्या, तुला, वृषभ राशि को लाभ
12 साल बाद देवताओं के गुरु बृहस्पति वक्री होने जा रहे हैं। गुरु ग्रह ज्योतिष में ज्ञान, धन, गुरु और आध्यात्म के कारक माने जाते हैं। इस बार बृहस्पति का वक्री होना खास इसलिए है क्योंकि यह मिथुन राशि में होगा – जहां पहले से ही बुध का आधिपत्य है। आइए जानते हैं किन 3 राशियों को इसका सबसे अधिक फायदा मिल सकता है।
🔯 इन 3 राशियों के लिए खुलेंगे सौभाग्य के द्वार
🟡 कन्या राशि (Virgo)
गुरु ग्रह की वक्री चाल आपकी राशि से कर्म स्थान (10वां भाव) में हो रही है, जिससे करियर, काम-धंधे और प्रतिष्ठा में बड़ी उन्नति के योग बन रहे हैं।
वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने का अच्छा समय
छात्रों को शिक्षा में सफलता
व्यापारियों को नई योजनाओं से लाभ
भाग्य प्रबल, समाज में सम्मान
👉 उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और केले के पेड़ की पूजा करें।
⚪ तुला राशि (Libra)
आपकी राशि से गुरु ग्रह नवम भाव में वक्री होंगे। यह भाग्य, धर्म, यात्रा और उच्च शिक्षा का स्थान होता है।
आय में बढ़ोतरी
पारिवारिक सुख में वृद्धि
विदेश यात्रा के योग
धर्म-कर्म से जुड़े लाभ
परीक्षा या नौकरी में सफलता
👉 उपाय: गुरुवार को चने की दाल और हल्दी दान करें।
🟤 वृषभ राशि (Taurus)
गुरु ग्रह आपकी राशि से धन भाव (2रा भाव) में वक्री होंगे।
फंसा हुआ धन वापसी के योग
आय के नए स्त्रोत बन सकते हैं
कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी
संपत्ति से लाभ
आर्थिक स्थिति में मजबूती
👉 उपाय: गाय को गुड़ और चना खिलाएं।
🪔 क्यों खास है ये वक्री स्थिति?
गुरु ग्रह जब वक्री होता है, तब इसका असर और भी गहरा हो जाता है। यह आत्म-विश्लेषण, आंतरिक परिवर्तन और जीवन में बड़े मोड़ों का कारण बन सकता है। विशेष रूप से जिन राशियों पर गुरु की दृष्टि या भाव मजबूत हो – उनके लिए यह समय सौभाग्यशाली हो सकता है।
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